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41 किलो गाँजा के साथ दो अभियुक्त गिरफ्तार*

*41 किलो गाँजा के साथ दो अभियुक्त गिरफ्तार*

*गाँजा के धंधे में लगे अभियुक्त पहले भी कई बार जा चुके हैं जेल*

*महेवाघाट कौशाम्बी* महेवा घाट थाना क्षेत्र के शाहपुर मोड़ के पास बाइक सवार दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जब उनकी तलाशी ली तो उनके कब्जे से दो बोरे में 41 किलो गांजा पुलिस ने बरामद किया है पकड़े गए दोनों लोगों को पुलिस महेवाघाट थाने लेकर गई और उनके खिलाफ मुकदमा की लिखा पढ़ी करने के बाद अदालत में पेश किया है जहां से दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है पकड़े गए आरोपी पहले से गांजा का व्यवसाय करते है और इसके पहले महेवा घाट थाना सराय अकिल थाना लखनऊ जनपद के थाने सहित चित्रकूट जनपद के मऊ थाना से पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था पकड़े गए आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट की भी कार्रवाई हो चुकी है इनकी संपत्ति भी पुलिस ने जप्त कर ली है लेकिन पेशेवर अपराधी गाँजा का व्यवसाय छोड़ने को तैयार नहीं है इनका सरगना कौन है उसकी तलाश किए जाने की जरूरत है

जानकारी के मुताबिक 3 अप्रैल को महेवा घाट थाना के उप निरीक्षक गौरव त्रिवेदी क्षेत्र भ्रमण पर थे इसी बीच दो बाइक में दो बाइक सवार बोरे में कुछ लेकर तेज गति से आते हुए दिखाई पड़े उप निरीक्षक को आशंका उत्पन्न हुई उन्होंने दोनों बाइक सवार को रोक लिया और जब बाइक में रखे बोरे की पुलिस ने जांच पड़ताल की तो मालूम चला कि दोनों बोरे में गाँजा हैं पुलिस ने गांजा का बोरा बाइक सहित पकड़े गए आरोपियों को महेवा घाट थाना लेकर पहुंची पूछताछ के दौरान पकड़े गए आरोपियों की पहचान अर्पित कुमार मिश्रा पुत्र उमेश कुमार मिश्रा निवासी मिश्रपुर डहिया थाना सराय अकिल और शिव बोध मिश्रा उर्फ शिब्बू पुत्र श्याम मिश्रा निवासी बसुहार थाना सराय अकिल के रूप में हुई है वजन करने के बाद दोनों बोरे में 41 किलो गांजा बरामद हुआ है जिसकी कीमत लाखों में बताई जाती है पुलिस ने गांजा अपने कब्जे में ले लिया है पुलिस ने दोनों आरोपियों के विरुद्ध थाने में मुकदमा पंजीकृत कर अदालत में पेश किया है जहां से दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है अभी कुछ दिन पहले ही दोनों आरोपी जेल से जमानत पर बाहर आए है और फिर गांजे के धंधे में लिप्त हो गए है


*रिमांड पर लेकर गाँजा माफियाओं के नेटवर्क को करना होगा ध्वस्त*

*महेवाघाट कौशाम्बी* महेवा घाट थाना क्षेत्र के शाहपुर मोड़ के पास दो बाइक सवारो से 41 किलो गांजा बरामद होने के बाद एक बार फिर तमाम सवाल खड़े हो गए हैं कि आखिर इन बाइक सवारों को गाँजा देने वाला माफिया कौन है और यह किसके यहां गांजा सप्लाई करने जा रहे थे इस मामले में यदि पुलिस ने अपनी जांच की दिशा आगे बढ़ाएगी तो इन्होंने गाँजा किस माफिया से खरीदा है उसकी भी गिरफ्तारी होगी और गांजा किस माफिया को बेचने जा रहे थे उसकी भी गिरफ्तारी होगी आरोपियों को रिमांड पर लेकर इनसे कड़ाई से पूछताछ कर गाँजा के नेटवर्क को पुलिस को तोड़ना होगा इन्हें गांजा बेचने वाले और उनसे गाँजा खरीदने वालों को भी पुलिस को गिरफ्तार कर जेल भेजना होगा जिस रास्ते से यह आते हुए दिखाई पड़े हैं उस रास्ते में कई जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और यदि पुलिस ने उनके आने वाले रास्ते के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज चेक की तो उनके आने वाले स्थान भी चिन्हित हो सकता है जिससे माफियाओं तक पहुंचने में पुलिस को आसानी होगी


*गाँजा माफियाओं के आबकारी से गहरे रिश्ते*

*महेवाघाट कौशाम्बी* गांजा की तस्करी में लगे लोगों को आए दिन थाना पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज रही है लेकिन आबकारी विभाग के अधिकारी चैन की ढपली बजा रहे हैं उन्हें गाँजा की बिक्री करने वाले माफियाओ की जानकारी नहीं मिल पाती हैं सूत्रों की माने तो गांजा माफिया आबकारी निरीक्षक और अधिकारियों के संपर्क में है और अक्सर दोनों की मुलाकात को लोग देखते हैं 03 अप्रैल को महेवा घाट थाना पुलिस द्वारा 41 किलो गांजा बरामद किए जाने के बाद एक बार फिर आबकारी बिभाग की निष्ठा पर सवाल खड़ा हो गया है आखिर गांजे का इतना बड़ा व्यवसाय कौशाम्बी जिले की धरती में फल फूल रहा है और आबकारी अधिकारी को भनक तक नहीं लग रही है आखिर आबकारी अधिकारी की क्या जवाब देही है गाँजा बिक्री रोकने पर उनकी क्या जिम्मेदारी है इस बात का उत्तर आबकारी विभाग के अफसर के पास नहीं है चर्चाओं पर जाए तो आबकारी विभाग के अफसर के संरक्षण में गांजा माफिया पल रहे हैं जिससे आबकारी विभाग गाँजा के व्यवसाय को बंद करने का प्रयास नहीं कर रहा है इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कर गांजा के धंधे से जुड़े पूरे रैकेट को बेनकाब करने की जरूरत है

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